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तकनीकी विश्वविद्यालय की तकनीकी खामियों की सजा छात्र-छात्राओं को क्यूँ ?

 










प्रति,

1.     महामहिम राज्यपाल महोदय

उत्तराखंड (देहरादून)


 

2.     श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय

उत्तराखंड शासन, देहरादून

 


3.     श्रीमान कुलपति महोदय

उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय

देहरादून.

 

 

 

महोदय,


       उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय, देहरादून द्वारा बी.फार्मा 2017-21 बैच के सातवें सेमेस्टर की परीक्षा 15 जुलाई 2021 से 18 जुलाई 2021 तक ऑनलाइन आयोजित की गयी.





लेकिन तकनीकी दिक्क्त के चलते उक्त परीक्षा के दौरान सैकड़ों परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं अपलोड नहीं हो पाई थी. इस बारे में छात्र-छात्राओं ने तत्काल ही विश्वविद्यालय को सूचित किया. उस समय विश्वविद्यालय ने ऐसे छात्र-छात्राओं की परीक्षा दोबारा कराने की बात कही थी, जिनकी उत्तर पुस्तिकाएं अपलोड नहीं हो पायी. इस आशय की खबर समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हुई थी.









लेकिन यह अत्यंत खेद का विषय है कि उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा उक्त छात्र-छात्राओं की परीक्षा दोबारा कराये बगैर ही 30 नवंबर 2021 को उनका परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है और जिन विषयों की उत्तर पुस्तिकाएं अपलोड नहीं हो पायी, उनमें न्यूनतम अंक देते हुए, उस पेपर को बैक पेपर दर्शा दिया गया है.


महोदय, यह समझ से परे है कि जब उत्तर पुस्तिका तकनीकी गड़बड़ी के चलते अपलोड ही नहीं हुई तो फिर वह पेपर, बैक पेपर कैसे हुआ और उसमें न्यूनतम अंक कहाँ से आए ?



महोदय, यह प्रोफेशनल कोर्स के छात्र-छात्राओं के भविष्य से सरासर खिलवाड़ है. किसी भी हालत में विश्वविद्यालय की तकनीकी खामियों या कमजोरियों का ठीकरा छात्र-छात्राओं के सिर नहीं फोड़ा जाना चाहिए. विश्वविद्यालय की ओर से हुई तकनीकी दिक्कत के समाधान का रास्ता यह है कि जिन छात्र-छात्राओं का पेपर अपलोड नहीं हुआ, उनका पेपर दोबारा करवाया जाये. यह छात्र-छात्राओं के भविष्य को देखते हुए बेहद जरूरी है.


अतः महोदय से निवेदन है कि उक्त छात्र-छात्राओं की परीक्षा दोबारा करवाने के निर्देश जारी करने की कृपा करें.


सधन्यवाद,


सहयोगाकांक्षी

इन्द्रेश मैखुरी

गढ़वाल सचिव

भाकपा (माले)

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2 Comments

  1. तकनीकी विश्वविद्यालय की यह बहुत बड़ी खामी है।इसे तत्काल सुधारा जाना चाहिए। युवाओं के भविष्य के साथ इस तरह का मजाक विश्व विद्यालय की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करता है।

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  2. तकनीकी विश्वविद्यालय में तकनीकी ख़राबी के चलते विद्यार्थियों का भविष्य, इम्तिहान की बलि न चढ़े।

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