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उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में भारी फीस वृद्धि वापस लो


प्रति,
   श्रीमान मुख्यमंत्री / मुख्य सचिव महोदय,

     उत्तराखंड शासन,देहारादून.



महोदय,
       उत्तराखंड के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पूर्व में बॉन्ड की व्यवस्था थी,जिसके तहत इन मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को एक बॉन्ड पर दस्तखत करना होता था कि वे पास आउट होने के बाद एक निर्धारित अवधि तक प्रदेश के सरकारी चिकित्सालयों में सेवा देंगे.

बीते वर्ष हल्द्वानी और देहारादून के राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए राज्य सरकार द्वारा बॉन्ड की व्यवस्था समाप्त कर दी गयी और श्रीनगर(गढ़वाल) और अल्मोड़ा के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में बॉन्ड व्यवस्था को ऐच्छिक कर दिया गया.
लेकिन इसके साथ ही एम.बी.बी.एस की फीस में सरकार द्वारा भारी वृद्धि की गयी. फीस पंद्रह हजार रुपये सालाना से बढ़ा कर सीधे चार लाख छब्बीस हजार पाँच सौ रुपये कर दी गयी.

महोदय,फीस में की गयी यह भयानक वृद्धि कतई तर्कसंगत नहीं कही जा सकती.देश के किसी राजकीय मेडिकल कॉलेज में इतनी अधिक फीस नहीं है. एम्स, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी,बी.एच.यू. जैसे संस्थानों में भी फीस एक-डेढ़ लाख रुपये से अधिक नहीं है.

इस भयानक फीस वृद्धि से यदि कुछ हासिल होगा तो सिर्फ इतना कि प्रदेश के मेधावी किन्तु आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राएं चिकित्सा शिक्षा से वंचित हो जाएँगे. सरकार यदि चिकित्सा शिक्षा के कॉलेज संचालित कर रही है तो उसका लक्ष्य होना चाहिए कि मेधावी छात्र-छात्राएं सिर्फ आर्थिक कारणों से शिक्षा से वंचित न हों.
इस फीस वृद्धि को वापस लिए जाने की मांग, राजकीय मेडिकल कॉलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं और उनके अभिभावक गण लंबे अरसे से कर रहे हैं.अतः व्यापक जनहित को देखते हुए और चिकित्सा शिक्षा आम छात्र- छात्राओं की पहुँच में बनी रहे,इस बात को ध्यान में रखते हुए एम.बी.बी.एस की फीस पूर्ववत की जाये.


सधन्यवाद,
सहयोगाकांक्षी,
इन्द्रेश मैखुरी
गढ़वाल सचिव
भाकपा(माले)

नोट: ज्ञापन मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ईमेल कर दिया गया है. मुख्यमंत्री जी को ट्वीट भी किया गया है. 


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2 Comments

  1. महोदय हम गवर्मेंट मेडिकल कालेज हल्द्वानी व देहरादून के स्टूडेंट्स अपनी फीस के मामले में आपके मंच की मदद चाहते है। सरकार द्वारा इस साल से राज्य के दो मेडिकल कॉलेज से बॉन्ड की सुविधा हटा दिए जाने की वजह से हम सालाना 4 लाख फीस देने के लिए विवश है, परन्तु ज्यादातर स्टूडेंट्स मध्यम वर्गीय परिवार से संबंधित होने के कारण यह खर्च हर साल देने के लिए अपने आप को सक्षम नहीं पा रहे है। अतः आपसे निवेदन है कि आप अपने मंच द्वारा इस मुद्दे को उठाए ताकि राज्य सरकार इस बात का संज्ञान ले और एक मध्यम वर्गीय परिवार का बच्चा भी अपने सपने पूरे कर राज्य की सेवा निरस्वार्थ भाव से कर सके।
    आपसे जल्द ही उत्तर की अभिलाषा रखते है।

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  2. ye uttarakhand k medicos ki fees ko ek middle class family k liye affordable kr dijiye ham sab students aapke aabhaari rehenge... ..

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