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पत्रकारिता के समक्ष खतरा बाहरी और भीतरी दोनों है





दि संडे पोस्ट द्वारा आयोजित "भारत में पत्रकारिता एक खतरनाक : एक खतरनाक पेशा  "-  विषयक ऑनलाइन चर्चा में शरीक हुआ.


मोटे तौर पर पत्रकारिता के समक्ष जो चुनौतियाँ हैं,वे बाहरी तो हैं. भीतरी भी हैं. सत्ता का हमलावर रुख,पत्रकारिता माध्यमों  पर कॉर्पोरेट प्रभुत्व, फ्री पत्रकारिता और पत्रकारिता के अंदर पनप रही दुष्प्रवृत्तियाँ,पत्रकारिता के लिए घातक हैं


वक्तव्य ऊपर वीडियो में है. पूरी चर्चा को इस लिंक पर जा कर सुना जा सकता है -https://www.facebook.com/100002840360443/videos/2681682211936431/

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