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चुनाव लड़ने वाले विपक्षियों को जेल, ये है सत्ता का खेल !

 

 बिहार में चुनाव शुरू हो गया और सिर्फ चुनाव ही नहीं चुनाव जीतने के लिए सत्ता में बैठे लोगों का साम- दाम- दंड- भेद वाला फॉर्मूला भी शुरू हो गया है.





विपक्ष के लोग चुनाव प्रचार भी न कर सकें, इसके लिए बीसियों बरस पुराने फर्जी मुकदमों में उनकी गिरफ्तारी भी शुरू कर दी गयी है.





कल सीवान जिले की तीन सीटों- दरौली, जीरादेई और दरौंधा में भाकपा (माले) के प्रत्याशियों का नामांकन था.


नामांकन के दौरान ही दरौली के वर्तमान विधायक और भाकपा (माले) प्रत्याशी कॉमरेड सत्यदेव राम को गिरफ्तार कर लिया गया. पहले तो पता ही नहीं चला कि किस मामले में गिरफ्तारी हो रही है. फिर पता चला कि 2004 का कोई मामला है. सोचिये 21 साल पुराने मामले में ऐन चुनाव के वक्त गिरफ्तारी की जा रही है ! कॉमरेड सत्यदेव राम ने कहा कि इस मामले में उन्हें कभी कोई नोटिस तक नहीं मिला.





कॉमरेड सत्यदेव राम गरीब, मेहनतकशों, समाज के कमजोर तबकों की आवाज़ मजबूती से सड़क से लेकर विधानसभा तक में उठाते रहे हैं. जनता के पक्ष में मजबूती से खड़े रहने के चलते ही वे पांचवीं बार विधायक हैं.


विधानसभा में शिक्षा से लेकर जमीन तक के मसले वे मुखरता से उठाते रहे हैं. बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था पर विधानसभा में बोलते हुए, उन्होंने एक बार कहा कि अगर सरकार कह रही है कि बेहतर शिक्षा व्यवस्था है तो सरकार आदेश कर कि सभी मंत्री, सभी विधायक, सभी अफसर अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाएं ! उन्होंने सरकार से कहा कि दम हो तो फैसला कीजिए, लेकिन मैं जानता हूं कि आप नहीं करेंगे ! 






एक मौके पर विधानसभा में कॉमरेड सत्यदेव राम के सवालों से मुख्यमंत्री नितीश कुमार बौखला कर आपा ही खो बैठे. कॉमरेड सत्यदेव राम ने विधानसभा में सीलिंग से फाजिल जमीन और अन्य ज़मीनों को गरीबों में बांटने की मांग उठाई.





कोरोना काल में देश भर से बिहार के लोग, खास ता पर प्रवासी बिहारी मजदूर, जब तमाम विपदाएं झेलते हुए वापस बिहार लौट रहे थे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन आफत के मारे लोगों के बिहार प्रवेश पर रोक लगा दी. तब कॉमरेड सत्यदेव राम ही थे, जो सीवान की सीमा पर प्रशासन और पुलिस के सामने अड़ कर खड़े हो गए कि या तो प्रशासन उन (कॉमरेड सत्यदेव राम) पर गोली चलाने का आदेश ले कर आये या फिर सबको उनके घर भेजने का इंतजाम करे. अंततः प्रशासन को कॉमरेड सत्यदेव राम के आगे झुकना पड़ा और लोग अपने- अपने घर पहुंचाए गए. 


शिक्षा, भूमिहीनों को जमीन जैसे मसले उठाने और गरीबों, वंचितों के पक्ष में अड़ कर खड़े होने वाले कॉमरेड सत्यदेव राम को विधानसभा पहुंचने से रोकने के लिए वोट चोरों की सरकार ने 21 साल पुराने मामले में कॉमरेड सत्यदेव राम की गिरफ्तारी कर दांव आजमाया है.


वरना तो पांच बार के विधायक कॉमरेड सत्यदेव राम कहीं फरार तो हैं नहीं कि ऐन नामांकन के वक्त उन्हें गिरफ्तार करना पड़े. विधानसभा से लेकर अपने क्षेत्र में उनकी उपस्थिति लगातार बनी रहती है. लेकिन पिछले बीस साल में उन्हें नोटिस तक ना देना और नामांकन के वक्त गिरफ्तार करना दर्शाता है कि यह सिर्फ उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोकने के लिए किया गया है. लेकिन कॉमरेड सत्यदेव राम के लिए ऐन चुनाव के वक्त गिरफ्तारी कोई नई बात नहीं है. पांच में से चार बार तो वे ऐन चुनाव के वक्त गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने के बावजूद माले का लाल परचम लेकर विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे हैं. इस बार भी फासिस्ट सरकार का यह दांव मेहनतकश गरीब मजदूर, किसान, महिलाएं, छात्र, युवा, दलित, अल्पसंख्यक नाकाम करेंगे, यही उम्मीद है.


इंकलाब जिंदाबाद ✊✊


-इन्द्रेश मैखुरी



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