cover

अंकिता भंडारी को न्याय दो !

 


 अंकिता भंडारी केस में आज 30 मई को कोटद्वार में अपर जिला जज की अदालत द्वारा फैसला सुनाया जाना है.






अंकिता हत्याकांड के जेल में बंद आरोपियों पुलकित आर्य व अन्य को कठोरतम दंड मिले, न्याय के हक में ऐसी अपेक्षा है.


लेकिन इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जो घोषणा की थी, वो कभी धरातल पर नहीं उतरी.

वनंतरा रिज़ॉर्ट में अंकिता भंडारी के कमरे पर बुलडोज़र चलाने के फैसले का शुरुआती श्रेय मुख्यमंत्री, उत्तराखंड पुलिस के तत्कालीन डीजीपी और यमकेश्वर की भाजपा विधायक रेणु बिष्ट ने लेने की कोशिश की. लेकिन यह स्पष्ट होते ही कि यह तो सबूत नष्ट करने और आरोपियों की मदद करने जैसा कृत्य था तो सब इस कृत्य से पल्ला झाड़ते दिखे. जेसीबी ड्राइवर का बयान आया कि यमकेश्वर की विधायक के कहने पर अंकिता भंडारी के कमरे को तोड़ा गया. यह बुलडोज़र पराक्रम अभी भी जांच का विषय है.


 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद 2022 में उस कुख्यात वनंतरा रिज़ॉर्ट में दो बार आग लग गयी, जबकि वो सील था, बिजली काट दी गयी थी. दूसरी बार आग लगने पर पुलिस ने हास्यास्पद तर्क दिया कि इनवर्टर में शॉट सर्किट से आग लगी. 40 दिन बिजली काटे हुए होने के बाद इनवर्टर में शॉट सर्किट के तर्क ने पुलिस की पक्षधरता पर ही प्रश्न चिन्ह खड़ा किया.


और सबसे बड़ा सवाल तो अब भी खड़ा है कि वो वीआईपी कौन था, जिसको कथित "स्पेशल सर्विस" न देने से पुलकित आर्य इतना आपे से बाहर हो गया कि उसने अंकिता भंडारी की जीवनलीला ही समाप्त कर दी थी ! आखिर उस वीआईपी में ऐसी क्या बात थी कि ईमानदार बताई जाने वाली डीआईजी ने वीआईपी का खुलासा करने के बजाय अपनी साख को दांव पर लगा दिया ! उस वीआईपी में ऐसी क्या बात है कि तत्कालीन संसदीय कार्यमंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने वीआईपी को कमरा बता दिया ! वो वीआईपी इतना खास क्यों है कि अंकिता भंडारी की माता जी द्वारा सत्तापक्ष के एक प्रभावशाली पदाधिकारी का नाम लेने के बाद बयानों के गोले दागने के लिए मशहूर सत्ताधारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष समेत सभी ने मुंह सिये रखा. वो वीआईपी कौन है, जिसकी चर्चा तक मुख्यमंत्री और उनके प्रचार तंत्र ने करना मुनासिब नहीं समझा ! 


अंकिता भंडारी को इंसाफ का मतलब है, उस तथाकथित वीआईपी को न्याय के कठघरे में ला कर सजा दिलाया जाना और जब तक यह नहीं हो जाता, न्याय के लिए लड़ाई जारी रहनी चाहिए.


-इन्द्रेश मैखुरी

Post a Comment

0 Comments