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मुख्यमंत्री नाइट वॉचमैन हैं !

 







सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है.पत्र उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन संपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट की ओर से बागेश्वर जिले के पुलिस अधीक्षक को लिखा गया है.इसमें तीन वाहनों का चालान निरस्त करने को कहा गया है. मुख्यमंत्री के पीआरओ ने लिखा है कि मुख्यमंत्री ने उक्त चालान निरस्त करने के मौखिक निर्देश दिए हैं !







यह पहली बार पता चला कि मुख्यमंत्री जी चालान छुड़वाने का काम भी करते हैं !


 तो क्या मुख्यमंत्री जी ने जो पद, गोपनीयता की शपथ ली है,क्या उसके दायरे चालान छुड़वाना भी आता है ?


चर्चा है कि जिन वाहनों के चालान निरस्त करने को कहा जा रहा है, वो खनन के ट्रक थे. खनन वालों के लिए इतना दर्द कि मुख्यमंत्री कार्यालय से लिखित आदेश जारी किए जा रहे हैं ! इससे समझ में आता है कि मुख्यमंत्री सिर्फ घोषणाओं की फुलझड़ी ही नहीं छोड़ते हैं, वो ठोस काम भी करते हैं - खनन में पकड़े गए ट्रकों को छुड़ाने का काम !


यह डबल इंजन की सरकार है और इंजन चलने के लिए तेल-पानी मांगता है. एक इंजन चलाना ही भारी पड़ रहा है और बेचारे धामी जी पर तो दो इंजन चलाने का बोझ है. जो इंजन चलाने के तेल - पानी का बंदोबस्त करें,उनका चालान कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है ! सारे नियम, कायदे,कानून एक तरफ डबल इंजन का तेल -पानी का बंदोबस्त करने वाले एक तरफ !


प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से "जीरो टॉलरेंस" का नारा जोरशोर से लगाया जाता रहा है. इस जीरो टॉलरेंस की व्याख्या करता है, उक्त पत्र.जीरो टॉलरेंस का मतलब है कि कोई नियम सम्मत कार्यवाही कतई टॉलरेट यानि बर्दाश्त नहीं होगी !


कुछ वक्त पहले केंद्रीय रक्षा राजनाथ सिंह उत्तराखंड आए. सभा में युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ करते हुए राजनाथ सिंह ने धामी को  नाइट वॉचमैन करार दिया. राजनाथ सिंह की नाइट वॉचमैन की उपाधि का खुलासा इस प्रकरण से हो रहा है. धामी नाइट वॉचमैन की भूमिका अदा करेंगे यानि रात के चौकीदार की भूमिका में रहेंगे और खनन वालों का ट्रक न पकड़ा जाये, यह सुनिश्चित करेंगे !


पर अफसोस जिसे राज्य का चौकीदार होना था, वह खनन वालों का चौकीदार हो गया !


-इन्द्रेश मैखुरी

 

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1 Comments

  1. यह तो सरासर दोहरा मापदण्ड है। जो न्याय संगत नहीं है।

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