cover

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री एवं पुलिस महानिदेशक के नाम पत्र

 








 

प्रति,

    श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय,

    उत्तराखंड शासन, देहरादून.

 

   श्रीमान महानिदेशक

   उत्तराखंड पुलिस, देहरादून.

 

 

महोदय,

       बीते दिनों रुड़की के विधायक श्री प्रदीप बत्रा का मसूरी में पुलिस के सब-इंस्पेक्टर द्वारा चालान काटे जाने का मामला सुर्खियों में रहा. 





इस प्रकरण के संदर्भ में चंद बातें अर्ज करनी है,इसलिए यह पत्र लिख रहा हूं.


महोदय, समाचार पत्रों से ज्ञात हुआ कि विधायक का चालान करने वाले वाले सब इंस्पेक्टर का मसूरी से कालसी ट्रान्सफर कर दिया गया है. देहारादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय का बयान अखबारों में ही पढ़ा कि यह रूटीन ट्रांस्फर है. आम तौर पर ट्रांस्फर, रूटीन कार्यवाही ही होता है. लेकिन इस रूटीन कार्यवाही का रूट जब सत्ता पक्ष के एक विधायक के चालान के बाद खुलता है तो फिर ऐसे ट्रांस्फर के रूटीन होने पर संदेह होता है.


बहरहाल, ट्रांस्फर तो रूटीन हो सकता है, लेकिन जब प्रदेश में कोरोना के चलते लॉकडाउन लागू हो तो रुड़की के सत्तापक्ष के विधायक का परिवार समेत मसूरी में देर रात घूमना तो रूटीन नहीं कहा जा सकता !


महोदय, जब कोविड कर्फ़्यू के चलते लॉकडाउन है तो रुड़की के विधायक श्री प्रदीप बत्रा अपने परिवार के साथ मसूरी में क्यूँ घूम रहे थे ?


उत्तराखंड शासन की ओर से 14 जून 2021 को मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश की ओर से जारी एसओपी में राज्य में 15 जून 2021 से 22 जून 2021 तक कोविड कर्फ़्यू घोषित किया गया है.


इस एसओपी के बिन्दु संख्या 14(D)(vi) में कहा गया है कि “होटल, रेस्तरां, भोजनालयों और ढाबों को केवल खाद्य पदार्थों की TakeAway / होम डिलिवरी के लिए रसोई संचालित करने की अनुमति होगी. होटल, ढाबे और रेस्तरां में बैठ कर भोजन करना पूरी तरह निषिद्ध होगा.”


महोदय, जब होटल में बैठ कर खाने की अनुमति भी नहीं है तो विधायक जी और उनके परिवार को मसूरी में रहने और खाने के लिए होटल कैसे मिला ? इस मामले में न केवल विधायक श्री प्रदीप बत्रा बल्कि उस होटल पर भी कार्यवाही होनी चाहिए, जिसने उत्तराखंड सरकार की कोविड नियंत्रण के लिए जारी एसओपी का उल्लंघन करते हुए विधायक श्री प्रदीप बत्रा और उनके परिवार को ठहराया.


महोदय, एसओपी के बिन्दु संख्या 14(E)(vi) में कहा गया है कि “जिला देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल एवं उधमसिंह नगर के मैदानी क्षेत्रों से पर्वतीय क्षेत्रों में जाने वाले समस्त यात्रियों हेतु RT PCR / TrueNat / CBNAAT / RAT नेगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य होगा.” मसूरी चूंकि पर्यवतीय क्षेत्र है और विधायक जी और उनका परिवार हरिद्वार जिले के मैदानी क्षेत्र से वहां गए, इसलिए इस बात की जांच की जानी चाहिए कि विधायक जी और उनके परिवार के पास ऐसी रिपोर्ट थी अथवा नहीं.


 यात्रा करने के लिए एसओपी के अनुसार स्मार्ट सिटि के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है. इसलिए इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि विधायक जी और उनके परिवार ने यात्रा करने से पहले स्मार्ट सिटि के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया या नहीं.


महोदय, एसओपी का बिन्दु संख्या 7 कहता है कि “समस्त सामाजिक / राजनीतिक / खेल गतिविधियां / मनोरंजन / शैक्षिक / सांस्कृतिक समारोह / other gatherings and large congregation अग्रिम आदेशों तक बंद रहेंगे.” जब इस तरह की सब गतिविधियां बंद हैं तो विधायक जी और उनके परिवार को मसूरी घूमने की अनुमति कैसे हो सकती है ?


महोदय, स्पष्ट है कि रुड़की के विधायक श्री प्रदीप बत्रा और उनके परिवार द्वारा कोविड कर्फ़्यू के लिए जारी एसओपी का उल्लंघन किया गया है.






 एसओपी के बिन्दु संख्या 14(N)(i) में उल्लेख है कि   COVID-Curfew का उल्लंघन करने वाले किसी व्यक्ति के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 (Section 51 to 60), महामारी अधिनियम 1897 एवं IPC की धारा 188 के प्रावधानों के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही की जाएगी.” अतः विधायक श्री प्रदीप बत्रा, उनके परिवार एवं मसूरी में उनको ठहराने वाले होटल के विरुद्ध उक्त धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाये.


महोदय, चूंकि कानून की निगाह में सब समान हैं,इसलिए निश्चित ही विधायक जी पर भी वही कार्यवाही की जानी चाहिए, जो कोविड कर्फ़्यू का उल्लंघन करने पर किसी आम नागरिक पर की जाएगी.


सधन्यवाद,


सहयोगाकंक्षी

इन्द्रेश मैखुरी

गढ़वाल सचिव

भाकपा(माले)

Post a Comment

0 Comments