प्रति,
श्रीमान मुख्य निर्वाचन आयुक्त,
भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली.
श्रीमान मुख्य निर्वाचन अधिकारी,
उत्तराखंड, देहरादून.
श्रीमान पुलिस महानिदेशक,
उत्तराखंड पुलिस, देहरादून.
श्रीमान जिलाधिकारी / जिला निर्वाचन अधिकारी
रुद्रप्रयाग.
श्रीमान पुलिस अधीक्षक,
रुद्रप्रयाग.
महोदय,
संलग्न वीडियो का संज्ञान लेने की कृपा करें.
जैसा कि आपको ज्ञात है कि उत्तराखंड के केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव की प्रक्रिया गतिमान है और 20 नवंबर 2024 को मतदान होना है.
इस बीच कतिपय सांप्रदायिक तत्वों द्वारा इस विधानसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यकों के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के विरुद्ध घृणा अभियान चलाया जा रहा है. कल दिनांक 14 नवंबर 2024 को अगस्त्यमुनि, भीरी आदि स्थानों पर श्री दर्शन भारती और उनके साथ आए लोगों ने मुस्लिम दुकानदारों के साथ अभद्रता की, सरेआम गाली गलौच की, उन्हें प्रतिष्ठानों का नाम बदलने के लिए धमकाया. वे खुलेआम प्रशासनिक अफसरों के बारे में धमकी भरे अंदाज में बात करते रहे.
महोदय, विधानसभा उपचुनाव के बीच खुलेआम इस तरह से साम्प्रदायिक उन्माद और वैमनस्य पैदा करने की कोशिश बेहद गंभीर, चिंताजनक एवं अस्वीकार्य है. यह कानून- व्यवस्था को खुली चुनौती है. स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव की प्रक्रिया के लिए ऐसी घटनाएं खुली चुनौती है. नागरिकों के एक हिस्से को धर्म के आधार पर धमकाया जाना, निश्चित ही शांतिपूर्ण और भयमुक्त चुनाव की राह में बाधा है और यह साम्प्रदायिक राजनीति को लाभ पहुंचाने की कोशिश है.
उपचुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होने के बीच ऐसी घटना होना तो सरेआम आचार संहिता की धज्जियां उड़ाने जैसा है. यह भी विडंबना है कि कल दोपहर में पुलिस ने अगस्त्यमुनि बाजार में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया और शाम को सांप्रदायिक तत्व खुलेआम अल्पसंख्यकों को डरा- धमका रहे थे.
महोदय, आपसे यह निवेदन है कि तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करें और ऐसे सांप्रदायिक तत्वों पर रोक लगाएं, उनके विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई की जाए. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसी को भी सांप्रदायिक उन्माद फैला कर उपचुनाव को प्रभावित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
सधन्यवाद,
सहयोगाकांक्षी,
इन्द्रेश मैखुरी,
राज्य सचिव, भाकपा (माले)
उत्तराखंड.
( यह पत्र ई मेल और whats app से भेज दिया गया है)
( नोट : नफरत फैलाने वाले वीडियो की आवाज़ जानबूझ कर म्यूट कर दी गई है क्योंकि उसमें बहुत सारे अंश सुने जाने योग्य नहीं है)
0 Comments