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विकास का असल विज्ञापन तो ये है, मित्रो !

 







यह गजब है, भई विकास हो तो ऐसा हो ! इतना विकास हो गया कि कई बार छलक जा रहा है, कई बार लीक हो जा रहा है, विकास ! आप समझ ही गए होंगे कि विकास के नए कीर्तिमान रचते उत्तर प्रदेश की बात हो रही है.  लीक होने से याद आया कि लीक तो परीक्षा का पर्चा भी हो जा रहा है. लोग तो वर्षवार लिस्ट निकाल लाये कि कब-कब कौन पर्चा लीक हुआ. उत्तर प्रदेश में लोग उत्तर लिख सकें,इससे पहले प्रश्न ही लीक हो जा रहे हैं  !  जैसे पानी की पाइपलाइन है तो लीकेज है, वैसे ही पर्चा है तो लीकेज है !


दावा और दावों की पोल खोलते कारनामें तो नित्य प्रति हो ही रहे हैं उत्तर प्रदेश में. केंद्रीय गृह मंत्री कह रहे थे कि उत्तर प्रदेश में अपराध पूरी तरह से खत्म हो गया. उनके बगल में उनके राज्य मंत्री खड़े थे, जिनके पुत्र किसानों को जीप तले रौंद कर अपराध मुक्ति का घोष कर रहे थे, शायद ! स्वयं केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री भी तो अपने मुखारविंद से अपनी महिमा का बखान कर चुके थे कि वे सांसद,मंत्री बाद में हैं, उससे पहले क्या थे, जान लीजिये ! अब कोई गऊ समान आदमी तो नहीं बोलता ना ऐसा कि भय्या जान लो, पहले हम गऊ समान थे, अब मरखने सांड हो गए हैं ! धमका कर अतीत का बखान तो अतीत में मरखने रहे हुए ही कर सकते हैं.


अपराध मुक्ति की घोषणा उत्तर प्रदेश में गाहे-बगाहे होती ही रहती है. अपराध मुक्ति की घोषणा और अपराध के बीच गज़ब का सहअस्तित्व है, उत्तर प्रदेश में. अपराध, घोषणा के आड़े नहीं आता और घोषणा, अपराध की राह में रोड़े नहीं अटकाती. इधर केंद्रीय गृह मंत्री ने महिला के गहनों से लद कर रात के बारह बजे घूमने की घोषणा की और उधर फाफामऊ में दलित परिवार का सामूहिक हत्याकांड  हो गया. घोषणा अपनी जगह, अपराध अपनी जगह !


लेकिन वहां पुलिस कई मामलों में बहुत मुस्तैद रहती है. जैसे कोई भी यदि धरना-प्रदर्शन का ऐलान करे तो पुलिस खुद उसके दरवाजे पर जा कर धरने पर बैठ जाएगी कि भय्या तुम गर्मी,सर्दी,बरसात में कहाँ धरना देने का कष्ट करोगे,हम ही तुम्हारे दरवाजे पर धरना दे लेते हैं ! कल ही लखनऊ में रोजगार की मांग करते युवाओं को पुलिस ने धर लिया. पुलिस का दुखड़ा है कि हमारा तो काम खत्म होने पे नहीं आ रहा और तुम्हें रोजगार चाहिए, बताओ !


यूं सख्त चेहरे और कठोर भाव-भंगिमा के बावजूद एंटरटेनमेंट में कोई कमी नहीं आने देते योगी जी. अभी उनके सरकारी वकीलों ने उच्चतम न्यायालय में कह दिया कि उत्तर प्रदेश की प्रदूषित हवा का कारण पाकिस्तान है. मुख्य न्यायाधीश के पास भी मुस्कुराने के अलावा कोई चारा नहीं था. वे बोले- तो आप पाकिस्तान के उद्योगों पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं ! सोचो पाकिस्तान न होता तो इनका क्या होता ! आत्मनिर्भर तो हैं या नहीं पर पाकिस्तान निर्भर मौके-बेमौके हो जाते हैं !


और आइये उसी विकास पर लौटते हैं, जिसकी चर्चा से बात शुरू हुई थी. कोलकाता के फ़्लाइओवर और चीन के हवाई अड्डे का फोटो अपने विकास में भले चेंपना पड़ा हो पर तब भी विकास के प्रचार-प्रसार में कोई कमी नहीं आने दी,योगी जी ने ! नोएडा और मुरादाबाद के विकास का विज्ञापन सुदूर धारचुला-मुनस्यारी से लेकर नीती-माणा तक लगातार पहुंचता रहता है. तभी तो उत्तराखंड वालों को पता चलता है कि उनके यहां का आदमी मुख्यमंत्री है वहां !







पर असल विज्ञापन तो बीते रोज हुआ मित्रो ! हुआ यूं कि विकास के प्रदेश में सत्ता पक्ष की विधायक, बिजनौर में 1.16 करोड़ की सड़क का उद्घाटन करने पहुंची. उद्घाटन के लिए विधायक जी ने नारियल फोड़ने की कोशिश की. नारियल तो नहीं फूटा पर सड़क फूट गयी. बताते हैं कि हड़बड़ाई विधायक वहीं धरने पर बैठ गयी. विधायक जी अपनी पार्टी की सरकार के खिलाफ तो धरने पर नहीं बैठी होंगी ! मुमकिन है कि वे उस नारियल के खिलाफ धरने पर बैठी हों, जो सवा करोड़ की सड़क पर पटके जाने से भी नहीं फूटा या हो सकता है कि सड़क के खिलाफ ही धरने पर बैठी हों कि नारियल फूटा नहीं फूटा पर मुई तूने अपना थोबड़ा क्यूं उखाड़ लिया !








जो भी हो पर विकास के विज्ञापन का इससे बेहतर नमूना क्या हो सकता है, मित्रो !


-इन्द्रेश मैखुरी  

     

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1 Comments

  1. नारियल की जगह भ्र्ष्टाचार से पटी सड़क फूट गई। ऐसे में क्या होगा मेरे मुल्क़ का?

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