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वाइरस लोक के ब्रांड एंबेसडर !

 





इधर वाइरस लोक में हर्ष,उल्लास,कोलाहल चरम पर पहुँच गया. उनके सारे चैनल- वाइरस तक, वाइरस टाइम्स, वाइरस नाओ, वाइरस टीवी, रिपब्लिक वाइरस इसी खबर को सुनाने में आकाश पाताल एक किए हुए थे. वाइरस लोक के तिहाड़ी-दिहाड़ी, जितने भी पत्रकार थे,वे सब यही बात रहे थे-इस वक्त की सबसे बड़ी खबर उत्तराखंड से,सबसे पहले हमारे चैनल पर ! उनके यहां थकेले पोर्टल भी लिख रहे थे- ये कहा उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने हमारे बारे में !






पहले-पहले तो वाइरस लोक अचकचा गया कि ये सब चैनल वाले एक मनुष्य को लेकर क्यूं बौराये हुए हैं ! पर जब उस मनुष्य की बात वाइरस लोक वालों ने सुनी तो वे भी लहालोट हो गए,कृत्य-कृत्य हो गए.






 आखिरकार पहली बार किसी मनुष्य ने और वो भी ऐसे-वैसे मनुष्य ने नहीं बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री ने, वाइरस को प्राणी का दर्जा दिया,उसके जीने के अधिकार की वकालत की. कहां तो दुनिया भर के वैज्ञानिकों की फौज लगी हुई है,उनके वाइरस बिरादर- कोरोना का खात्मा करने के लिए तरह-तरह के प्रयोग करने पर और कहां यह महामानव है जो कह रहा है कि कोरोना भी प्राणी है,उसे भी जीने का अधिकार है. एक पूर्व मुख्यमंत्री कह रहा है कि वाइरस को जीने का अधिकार है. वाइरस लोक उस कुघड़ी को कोस रहा है,जब यह महान पुरुष,मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाया गया. यह महामानव मुख्यमंत्री रहता तो मुमकिन था कि यह वाइरस के जीने के अधिकार को कानूनी जामा पहना देता. मुमकिन था कि कोरोना का शिकार बनने वाले लोगों के बारे में यह घोषणा कर देता कि इसमें कोरोना की कोई गलती नहीं है,वह आदमी ही कमजोर था जो कोरोना से तेज नहीं दौड़ पाया. इस  महामानव की कल्पना की उड़ान तो देखिय,कह रहा है,मनुष्य को कोरोना से तेज दौड़ना होगा. यह गद्दी पर रहता तो मुमकिन था कि कोरोना और मनुष्य के बीच दौड़ का आयोजन करवा देता. 

सड़क पर दौड़ता एक लड़का,दूसरे से पूछता- किस बात के लिए दौड़ रहा है? अरे यार अगले महीने फौज की भर्ती है ना,उसी की तैयारी में और तू ? भाई दो महीने बाद कोरोना के साथ दौड़ प्रतियोगिता रखी है,मुख्यमंत्री जी ने,बस उसी की तैयारी है !


वाइरस लोक के विपक्ष ने कोहराम मचा दिया. उसने वाइरस सरकार को घेरते हुए कहा कि जो आदमी हमारे जीने के अधिकार के बारे में इतना सोच रहा है, उसे आखिर शिकार क्यूं बनाया गया ? कुछ ऊंच-नीच हो जाती तो वाइरस लोक यह कभी भी नहीं जान पाता कि इस महामानव के हृदय में वाइरस लोक के प्रति इस कदर प्रेम और सम्मान है. इस पर वाइरस लोक की संसद ने कोरोना को खूब खरी-खोटी सुनाई. "दोस्तों और दुश्मनों की पहचान करना सीखो कोरोना. यह इतना भला आदमी और तुमने इसे ही लपेट दिया. वैसे भली तो इसकी पार्टी भी कम नहीं है,अगर उन्होंने देश भर में ऑक्सीजन, आईसीयू, दवाओं का इंतजाम कर दिया होता तो तुम कद्दू की जड़ भी नहीं उखाड़ सकते थे, कोरोना ! पर यह  मनुष्य तो तुम्हारे जीने के अधिकार की वकालत कर रहा है और तुम इसे ही......... छी ! लानत है !"


कोरोना भी पानी-पानी हो गया. उसने पंचों से कहा कि उससे भारी भूल हो गयी और पाप होते-होते बचा. अब वह इसका प्रायश्चित करना चाहता है. एक सयाने वाइरस ने कहा,हमारे बिरादर कोरोना की भूल का सुधार हम सबको करना चाहिए. और प्रायश्चित से ज्यादा यह अहसान के प्रति कृतज्ञता जाहिर करने का मौका है. इसलिए ऐसा करते हैं कि हमारे जीने के अधिकार को मान्यता देने वाले उस महामानव को वाइरस लोक का ब्रांड एंबेसडर घोषित कर देते हैं. साथ ही उनकी अतुलनीय सेवाओं को देखते हुए वाइरस रत्न, वाइरस शिरोमणि, वाइरस श्री,वाइरस भूषण, वाइरस विभूषण सम्मानों से एक साथ नवाजा देते हैं.


कोरोना ने उछल कर नारा लगाया- बोलो वाइरस हितैषी रावत जी की ! समूचे वाइरस लोक ने घोष किया – जय्यय !!!


-इन्द्रेश मैखुरी  

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8 Comments

  1. बहुत शानदार है इंद्रेश भाई....

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  2. बहुत सुंदर कॉमरेड💐💐❤️

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  3. ये आदमी चार साल हमारा मुख्यमंत्री रहा है ...😂🤣

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