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नौदीप कौर को जमानत

 


यूं कानून में कहा जाता है कि जेल अपवाद है और जमानत नियम. लेकिन बीते कुछ सालों में एक्टिविस्टों को शत्रु के तौर पर प्रस्तुत करने की प्रवृत्ति के बाद से  अपवाद को नियम और नियम को अपवाद में तब्दील करने जैसे हालात नजर आते हैं.


इस रौशनी में देखें तो दिशा रवि के बाद मजदूर अधिकार संगठन की कार्यकर्ता  नौदीप कौर को जमानत मिलना सुकूनदायी प्रतीत होता है.





नौदीप के मामले में यह भी उल्लेखनीय है कि उनकी अवैध हिरासत का पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया. 12 जनवरी से जेल में बंद नौदीप के विरुद्ध शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए बेहद संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. नौदीप कौर ने दिल्ली और हरियाणा के बीच स्थित सिंघू बार्डर के करीब मजदूरों के प्रदर्शन में शामिल होने के दौरान सोनीपत पुलिस द्वारा  गिरफ्तार करके करनाल जेल भेज दिया गया. नौदीप के साथ पुलिस हिरासत में मारपीट और पुलिस द्वारा अभद्र व्यवहार का आरोप भी लगाया गया. नौदीप कौर की जमानत याचिका पर बहस के दौरान उनके वकीलों ने उच्च न्यायालय में कहा कि नौदीप के विरुद्ध एक ही मामले में पुलिस द्वारा दो एफ़आईआर दर्ज की गयी हैं.दूसरी एफ़आईआर, पहले वाली एफ़आईआर का संशोधित रूप प्रतीत होती है. नौदीप को इसलिए भी निशाना बनाया गया क्यूंकि वे मजदूरों को किसान आंदोलन के समर्थन में उतारने में कामयाब हो गयी थी. 

 

नौदीप कौर के साथ गिरफ्तार किए गए शिव कुमार को गिरफ्तारी के बाद पुलिस द्वारा शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने की खबर सामने आई है. चंडीगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेज द्वारा की गयी जांच में पाया गया कि शिव कुमार के शरीर पर गहरी चोटें हैं,कई फ्रेक्चर हैं और नाखून उखड़े हुए हैं. वेब पोर्टल-आर्टिक्ल 14 के अनुसार शिव कुमार के परिजनों का आरोप है कि शिव कुमार को उनकी औपचारिक गिरफ्तारी के एक हफ्ता पहले पुलिस द्वारा उठा लिया गया था. मेडिकल टीम के अनुसार शिव कुमार के शरीर पर सारे घाव दो हफ्ते पुराने हैं.  आर्टिक्ल 14 की रिपोर्ट बताती है कि शिव कुमार किसी एफ़आईआर में नामजद तक नहीं हैं.


नौदीप कौर की जमानत पर रिहाई के आदेश में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अवनीश झिंगन ने लिखा कि कुछ युक्तियुक्त प्रतिबंधों के साथ शांतिपूर्ण प्रदर्शन अधिकार है जिसे मौलिक अधिकारों में देखा जा सकता है. शांतिपूर्ण प्रदर्शन की सीमा रेखा का उल्लंघन हुआ या नहीं,यह जांच का विषय है. मामले की जांच चल रही है,सिर्फ इस आधार पर याचिकाकर्ता को व्यक्तिगत स्वतंत्रता प्रदान करने से इंकार नहीं किया जा सकता.


नौदीप की रिहाई हो गयी,उम्मीद करनी चाहिए कि शिव कुमार के साथ इंसाफ हो.


-इन्द्रेश मैखुरी

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