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बृजभूषण शरण सिंह : कार्यवाही नहीं तो क्या इनको बेटी बचाओ अभियान का ब्रांड एंबैसडर बनाएंगे मोदी जी ?

 







देश के लिए कॉमनवैल्थ से लेकर ओलंपिक खेलों तक में मेडल लाने वाले पहलवान, दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हुए हैं. बेटी बचाओ का नारा देने वाली भाजपा की केंद्र सरकार, उन बेटियों के साथ खड़े होने को तैयार नहीं है, जिन्हें ओलंपिक से लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने घर बुलाकर, “अपने परिवार की बेटी करार दिया था.










 सफलता के समय प्रधानमंत्री जिन्हें अपने परिवार की बेटी कह रहे थे, उन्हें अपने घर आ कर पदक न जीत पाने का तनाव दूर करने के लिए कह रहे थे, ऐसा लगता है कि उन “बेटियों के गंभीर आरोपों की आवाज़ प्रधानमंत्री के “पिता तुल्य कानों तक नहीं पहुँच रही है. वजह शायद यह है कि जिनके बारे में प्रधानमंत्री जी की ये मुंह बोली बेटियां शिकायत कर रही हैं, वो प्रधानमंत्री की पार्टी के बाहुबली सांसद हैं. वो बाहुबली जिनका नाम बृजभूषण सिंह है, जो भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं. उनके खिलाफ इन पदक विजेता पहलवानों ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की. एफ़आईआर दर्ज भी तब हुई, जब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया. उससे आगे की कार्यवाही के मामले में सत्ता और उसकी पुलिस के लबों पर खामोशी छाई है.


लेकिन हत्या, हत्या के प्रयास,दंगा करने और अवैध हथियार रखने जैसे दर्जनों मुकदमों के आरोपी बृजभूषण सिंह के पक्ष में सत्ता समर्थक इस तरह उतर पड़ें हैं, जैसे कि वो कोई बेहद मासूम व्यक्ति हों. और इसके साथ ही शिकायतकर्ता महिला पहलवानों के विरुद्ध झूठ-अर्द्ध झूठों के साथ सोशल मीडिया अभियान चल पड़ा है. यही वर्तमान सत्ता और उसके समर्थकों की मोडस ओपेरेंडी (modus operandi) यानि कार्यप्रणाली है. यदि आरोपी उनके पक्ष का है तो पीड़ित को ही आरोपी साबित करने में उनकी सिद्धहस्तता है.


यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों से घिरे बृजभूषण शरण सिंह को मासूम साबित करने की कलई बीते रोज अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट ने खोल दी.











इंडियन एक्सप्रेस ने 06 मई 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट में लिखा कि 21 अप्रैल 2023 को महिला पहलवानों की ओर से नयी दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में दर्ज दो रिपोर्टों में यौन उत्पीड़न के आठ मामलों का जिक्र किया गया है.


अखबार ने लिखा कि एक शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में पाँच बार यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. उनमें से एक घटना 2016 में एक रेस्तरां की है. आरोप है कि बृजभूषण शरण सिंह ने उक्त पहलवान को अपनी टेबल पर आने के लिए कहने से पहले, उसके स्तन और पेट को छुआ. ऐसी ही घटना 2019 में एक टूर्नामेंट के दौरान भी हुई. उक्त पहलवान ने यह भी आरोप लगाया कि बृजभूषण शरण सिंह के बंगले- 21 अशोक रोड,नयी दिल्ली पर स्थित  भारतीय कुश्ती संघ के कार्यालय में भी गलत तरीके से छुआ. अखबार के अनुसार शिकायत में लिखा है कि बृजभूषण शरण सिंह ने पहले दिन उसकी जांघों को छुआ और दूसरे दिन यह कहते हुए उसके स्तन और पेट पर हाथ रखा कि वो उसके सांस लेने की प्रक्रिया को जांचना चाहते हैं. शिकायत के अनुसार 2018 में एक टूर्नामेंट के दौरान बृजभूषण शरण सिंह ने उसको गले लगाते हुए काफी देर तक जकड़ कर रखा और एक अन्य टूर्नामेंट के दौरान भी लगभग ऐसा ही हुआ.


अखबार के अनुसार दूसरी पहलवान ने अपनी शिकायत में लिखा कि जब वो वार्म अप कर रही थी तो बृजभूषण शरण सिंह ने उसकी ट्रेनिंग जर्सी ऊपर उठा दी और उसकी सांस की प्रक्रिया जाँचने के नाम पर स्तन और पेट को छुआ. एक अन्य मौके पर अपने बंगले पर स्थित भारतीय कुश्ती संघ के कार्यालय में सिंह ने अन्य लोगों को बाहर जाने को कहा और फिर दरवाजा बंद कर उक्त पहलवान को अपने पास खींचा और जकड़ने की कोशिश की.












अखबार की रिपोर्ट के अनुसार पहलवानों ने अपने बयान 161 सीआरपीसी के तहत पुलिस के पास कलमबंद करवा दिये हैं.


यह हैरत की बात है कि इतने संगीन प्रकृति के आरोपों के बावजूद बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हो रही है और वो खुल कर टीवी चैनलों पर इंटरव्यू दे रहे हैं ! नाबालिग के यौन शोषण के मामले में पॉक्सो के तहत मुकदमा दर्ज होने के बावजूद बृजभूषण सिंह के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो रही है. स्पष्ट तौर पर बृजभूषण सिंह को “बेटी बचाओ का नारा देनी वाली सरकार का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए इतने गंभीर आरोपों के बाद भी दिल्ली पुलिस शिकायतकर्ता पहलवानों का उत्पीड़न कर रही है और बृजभूषण शरण सिंह की तरफ नज़र उठा कर देखने की ज़हमत भी नहीं उठा रही है.


पहलवानों के आरोपों में लेश मात्र भी सच्चाई है तो सोचिए कि इस देश में खेल कैसे यौन उत्पीड़कों के हाथों सौंपे गए हैं ? ऐसे यौन उत्पीड़न के आरोपी का बचाव करके मोदी सरकार किसका हित साध रही है ? अगर ये आरोप सच हैं तो यह देश के लिए शर्म की बात है कि उसके खेल संघों में लड़कियों की सुरक्षा गंभीर खतरे में है और सारा तंत्र, खतरा पैदा करने वालों के पक्ष में खड़ा है ! ऐसे गंभीर आरोपों के बावजूद कार्यवाही नहीं करेंगे तो क्या इनको बेटी बचाओ अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाएंगे मोदी जी ?


-इन्द्रेश मैखुरी

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