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यूकेएसएसएससी की लोकसेवा आयोग को सौंपी परीक्षाओं में आयु सीमा में छूट न देना भ्रष्टाचार की सजा अभ्यर्थियों को देना है !

 









प्रति,

1.     श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय,

उत्तराखंड शासन, देहरादून.

 

2.     श्रीमान अध्यक्ष / सचिव महोदय,

उत्तराखंड लोकसेवा आयोग,

हरिद्वार(उत्तराखंड)

 

 

 

 

 

महोदय,

        यूकेएसएसएससी द्वारा की गयी भर्तियों में घोटाले के सामने आने के बाद उत्तराखंड सरकार द्वारा कई सारी भर्तियों को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को सौंप दिया गया है.


 यूकेएसएसएससी द्वारा 2021 में पटवारी, फॉरेस्ट गार्ड एवं बंदीरक्षक हेतु आवेदन मांगे गए थे. इसमें यूकेएसएसएससी द्वारा आयु सीमा में एक वर्ष की छूट दी गयी थी और अधिकतम आयु सीमा 01 जुलाई 1992 रखी गयी थी.









यही पद जब उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को हस्तांतरित हुए तो आयु सीमा की यह छूट नहीं दी जा रही है. उत्तराखंड लोकसेवा आयोग द्वारा पुराने फॉर्मों की पंजीकरण संख्या तो मांगी गयी है, परंतु उन में आयु सीमा में एक वर्ष की छूट जो यूकेएसएसएससी द्वारा दी जा रही थी, वह नहीं दी जा रही है. ऐसा होने के चलते सैकड़ों अभ्यर्थी परीक्षा से सिर्फ इसलिए वंचित हो रहे हैं क्यूंकि भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते राज्य सरकार द्वारा परीक्षा लेने वाला आयोग बदल गया है. महोदय, यह तो भ्रष्टाचारियों के कारनामों की सजा, अभ्यर्थियों को देने जैसी बात हो गयी.


अतः महोदय से निवेदन है कि जो परीक्षाएं यूकेएसएसएससी से उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को हस्तांतरित की गयी हैं, उनमें पूर्व में यूकेएसएसएससी को आवेदन जमा करावा चुके सभी अभ्यर्थियों को शामिल होने का अवसर प्रदान किया जाये और इसके लिए यूकेएसएसएससी द्वारा आयु सीमा में प्रदान की जा रही छूट को बहाल किया जाये.


सधन्यवाद,

सहयोगाकांक्षी

इन्द्रेश मैखुरी

गढ़वाल सचिव

भाकपा(माले)

 

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