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हत्यारों को ढूँढने के बजाय हत्या के विरुद्ध प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कार्यवाही क्यूँ ?

 







पिथौरागढ़ जिले में एक दलित व्यक्ति की हत्या और हत्या के विरोध में प्रदर्शन करने वालों पर कार्यवाही की खबर सामने आ रही है.


प्राप्त जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ जिले की इग्यार पट्टी के बेड़ा गाँव निवासी 42 वर्षीय चनर राम, किसी समारोह में शामिल होने के लिए 23 नवंबर को अपने घर से निकले. 24 नवंबर को चनर राम का मृत शरीर झाड़ियों में पड़ा हुआ मिला.


राजस्व पुलिस द्वारा इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया.


24 नवंबर को पोस्टमार्टम के बाद आक्रोशित लोगों ने पिथौरागढ़ जिला कलेक्ट्रेट के सामने मृतक का शव रख कर प्रदर्शन किया और मृतक को न्याय दिलाने और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की. इस प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी पिथौरागढ़ द्वारा मामला राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस को हस्तांतरित कर दिया गया.


25 नवंबर को जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को लिखे पत्र में मृतक चनर राम के भाई मोहन राम ने आरोप लगाया कि उनके भाई की हत्या खीम सिंह व कृष्ण सिंह द्वारा की गयी है. मोहन राम ने उक्त पत्र में यह भी आरोप लगाया कि उनके द्वारा आरोपियों का नाम बताने के बावजूद पटवारी ने एफ़आईआर में आरोपियों के नाम नहीं लिखे और अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. उक्त पत्र की प्रतिलिपि पिथौरागढ़ के पुलिस अधीक्षक के नाम भी की गयी है.










मोहन राम के पत्र पर कार्यवाही की तो सूचना अभी नहीं है. लेकिन पिथौरागढ़ के कलेक्ट्रेट के सामने मृतक का शव रख कर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ तहसीलदार की ओर से दो एफ़आईआर पुलिस में दर्ज कराई गयी है, जिसमें दो जातियों के बीच वैमनस्य फैलाने, सरकारी काम में बाधा और मृतक के शव के अपमान का आरोप लगाया गया है.










सवाल यह है कि पिथौरागढ़ का प्रशासन जितनी तत्परता हत्या के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने में दिखा रहा है, उतनी तत्परता चनर राम के हत्यारोपियों की गिरफ्तारी में क्यूँ नहीं दिखा रहा है ? हत्या के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर एफ़आईआर दर्ज करके, क्या संदेश देने की कोशिश है ? यह कि हत्या जैसी जघन्य वारदात हो जाने के बाद भी लोगों को खामोशी से बैठे रहना चाहिए और प्रशासन जैसी ढीली-ढाली कार्यवाही करे, उसे चुपचाप स्वीकार कर लेना चाहिए ? यह डबल इंजन का कैसा न्याय है, पुष्कर सिंह धामी जी कि जो राजस्व प्रशासन हत्यारोपियों का नाम लिखने में हिचकिचाता है, उसे हत्या के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाने में कोई हिचक नहीं महसूस होती है ?


न्याय का तकाजा है कि चनर राम के हत्यारोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाये और उनकी हत्या के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ दर्ज मुकदमें तत्काल निरस्त किए जाएँ.


-इन्द्रेश मैखुरी

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