प्रति,
1. श्रीमान गृह
मंत्री महोदय,
भारत
सरकार, नयी
दिल्ली.
2. श्रीमान महानिदेशक महोदय,
केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल
नयी दिल्ली.
महोदय,
उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के निकट हेलंग नामक स्थल पर 15 जुलाई
2022 को घास लाती महिलाओं से घास छीनने की घटना हुई. इस घटना का वीडियो, सोशल मीडिया
में भी अत्याधिक वाइरल हुई.
महोदय, उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में
महिलाएं बेहद श्रमशील और परिवार की धुरी की तरह काम करती हैं. ऐसे में महिलाओं से
इस तरह घास छीने जाने का दृश्य देखना बेहद पीड़ादायक था.
महोदय, अफसोस यह है कि
महिला से घास छीनने की यह घटना किन्हीं आपराधिक तत्वों द्वारा नहीं की गयी, बल्कि उत्तराखंड पुलिस के साथ हेलंग में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा
बल (सीआईएसएफ़) के जवानों द्वारा की गयी. हेलंग में निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजन
में सीआईएसएफ़ तैनात है. उक्त परियोजना की निर्माता कंपनी- टीएचडीसी के खिलाफ
महिलाओं ने शिकायत की है कि उनके चारगाह के पेड़, कंपनी
द्वारा अवैध रूप से काटे जा रहे हैं और चारागाह में मलबा डाला जा रहा है. इस
शिकायत की जांच के आदेश उत्तराखंड सरकार द्वारा दिये जा चुके हैं.
महोदय, जिन महिला से घास
छीना गया, वो सड़क पर चल रही थी, सड़क जो
कि राष्ट्रीय राजमार्ग है, किसी औद्योगिक परिसर के भीतर नहीं
है. इस तरह देखें तो सीआईएसएफ़ के कार्यक्षेत्र
के भीतर ये महिलाएं नहीं थी. सीआईएसएफ़ के जवानों द्वारा सड़क पर चल रही महिला से
घास छीनना अत्यंत गंभीर है, यह विधि विरुद्ध आचरण है, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अधिनियम,1968 का भी
अतिक्रमण है.
अतः महोदय से निवेदन है कि हेलंग में महिला से घास
छीनने की घटना में शामिल सीआईएसएफ़ के जवानों को निलंबित करते हुए, उनके विरुद्ध जांच का आदेश देने की कृपा करें और उनके विरुद्ध विधि सम्मत
कार्यवाही की जाये. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाये कि
भविष्य में सीआईएसएफ़ अपने परिसर से बाहर
जा कर, इस तरह की घटनाओं को अंजाम न दे सके.
सधन्यवाद,
सहयोगाकांक्षी,
इन्द्रेश
मैखुरी,
गढ़वाल सचिव,
भाकपा(माले)
(नोट : यह पत्र ईमेल द्वारा भेज दिया गया है )
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