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दंगा करने के लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं !

 








अयोध्या में 26 / 27 अप्रैल 2022 को कुछ लोगों ने मस्जिदों के बाहर आपत्तिजनक पोस्टर, मांस और कुरान को फाड़ करके फेंका. 

 

मस्जिदों के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखे गए तो पाया गया कि मुस्लिमों की तरह वेषभूषा वाले लोग, खासतौर पर मुस्लिमों द्वारा पहने जाने वाली टोपी पहने कुछ लोग मोटरसाइकलों पर घटना को अंजाम दे रहे हैं.









अयोध्या की पुलिस ने जांच-पड़ताल की और 28 अप्रैल को मामले का खुलासा कर दिया. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आयोध्या के विभिन्न हिस्सों से सात लोगों की गिरफ्तारी हुई एवं घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल, मोबाइल फोन एवं अन्य सामग्री बरामद कर ली.










 पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया, उनके नाम हैं :







 

*महेश कुमार मिश्रा* पुत्र शीतला प्रसाद मिश्रा निवासी खोजनपुर थाना को0नगर जनपद अयोध्या

*प्रत्युष श्रीवास्तव* पुत्र महेश श्रीवास्तव निवासी आवास विकास कालोनी अमानीगंज थाना को0नगर अयोध्या।

*नितिन कुमार* पुत्र ज्ञान चन्द्र सिन्धी निवासी 858 रीडगंज हमदानी कोठी थाना को0नगर जनपद अयोध्या।

*दीपक कुमार गौड़* उर्फ गुंजन पुत्र राजेन्द्र प्रसाद निवासी 8/10/54 नाका मुरावन टोला थाना को0नगर अयोध्या।

*बृजेश पाण्डेय* पुत्र हरीश चन्द्र पाण्डेय निवासी हौंसिला नगर थाना को0नगर, जनपद-अयोध्या।

*शत्रुघ्न प्रजापति* पुत्र रामप्रसाद निवासी 1/8/31 सहादतगंज कुम्हार मण्डी थाना कैण्ट जनपद अयोध्या।

*विमल पाण्डेय* पुत्र रामयश निवासी उमरहर थाना कुमारगंज जनपद-अयोध्या हाल पता आफिसर हास्टल टाइप-14 सिविल लाइन जनपद-अयोध्या।









 

मस्जिद इंतजामिया कमेटी की सूझबूझ और अयोध्या पुलिस की तत्परता से अप्रिय घटना होने से टल गयी. लेकिन पूरी घटना को जिस तरह अंजाम दिया गया, उससे स्पष्ट है कि उक्त वारदात को अंजाम देने वालों का मकसद सांप्रदायिक नफरत फैलाना और हिंसा भड़काना था. बीते कुछ अरसे से देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए नित नए पैंतरे आजमाए जा रहे हैं, धर्म संसद से लेकर त्यौहारों तक सबका प्रयोग नफरत फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए किया जा रहा है. ऐसा प्रतीत होता है कि अयोध्या की घटना भी उसी शृंखला की कड़ी है.


यह विडंबना है कि देश के भीतर ऐसी राजनीति और ताक़तें फलफूल रही हैं, जो खुलेआम देश में नफरत और हिंसा को प्रोत्साहित कर रही हैं, हिंसा फैलाने का आह्वान कर रही हैं. जो देश को विश्वगुरु बनाने का दावा लेकर आए थे, विश्व और वैश्विक्ता उनकी निगाह से ओझल है, उन्हें वह दिखाई नहीं दे रही है, उनकी निगाह में सिर्फ और सिर्फ विष है, हिंसा और घृणा है.


देश में धर्मों के बीच वैमनस्य फैलाने वाले तत्व और उन्हें प्रोत्साहित करने वाली राजनीति ताकतवर रहेगी तो यह तय है कि देश तबाही और बर्बादी की तरफ ही जाएगा, देश के आगे बढ़ने की सारी संभावनाओं को मटियामेट कर देगी, सांप्रदायिक घृणा और हिंसा तथा उसकी पोषक राजनीति.


कोई धर्म खतरे में है कि नहीं, पता नहीं लेकिन उत्पात-उन्माद और उसकी पोषक राजनीति से सौहार्द, भाईचारा, देश की एकता और अखंडता, न्याय व मनुष्यता  खतरे में जरूर पड़ जाएगी और इन सब का खतरे में पड़ना, देश को खतरे में डाल देगा. इसलिए सांप्रदायिक घृणा और हिंसा की फसल बो कर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने वालों से सचेत रहिए. सांप्रदायिक घृणा और हिंसा से देश को बचाना ही सच्चा देश प्रेम है.


-इन्द्रेश मैखुरी   

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