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विपक्ष और प्रतिरोध के हर स्वर को कुचलने की साजिश

 



कथित मोदी मानहानि मामले में 23 मार्च को राहुल गांधी के खिलाफ सजा की घोषणा हुई और एक दिन के भीतर ही उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया! जबकि सूरत की अदालत का वह अतर्किक फैसला 30 दिन के लिए स्टे कर दिया गया था और राहुल गांधी के पास अपील करने का समय था. लेकिन उसके बावजूद राहुल गाँधी की संसद सदस्यता को जिस तत्परता से लोकसभा सचिवालय द्वारा रद्द किया गया है, उससे साफ है कि भाजपा बदला लेने और दुर्भावना की राजनीति कर रही है.






ललित मोदी, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या जैसे तमाम लोग देश का हज़ारों करोड़ रुपया लूट कर विदेशों में मौज कर रहे हैं. उन्हें चोर कहने भर के लिए राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करवाने वाली सरकार, इन लुटेरों के विरुद्ध रेड कॉर्नर नोटिस तक कायम नहीं रख पा रही है. अडानी पर आंच न आए, इसके लिए केंद्र सरकार और भाजपा किसी भी हद तक जाने को तैयार है.


 विपक्ष और प्रतिरोध के हर छोटे- बड़े स्वर को कुचल कर देश पर एक बेलगाम आपातकाल थोपा जा रहा है, जिसके खिलाफ समूचे विपक्ष को एकजुट होना होगा.


- इन्द्रेश मैखुरी

राज्य सचिव, 

भाकपा (माले) 

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